THE HARIYANA( हरियाणा)

 

           hariyana   (हरियाणा)

    

इतिहास 

इसकी स्थापना १ नवम्बर १९६६ को हुई। इसे भाषायी आधार पर पूर्वी पंजाब से नये राज्य के रूप में बनाया गया। शब्द हरियाणा सर्वप्रथम १२वीं सदी में अपभ्रंश लेखक विबुध श्रीधर (विसं ११८९–१२३०) ने उल्लिखीत किया था।[16]

उत्पत्ति 

हरियाणा संस्कृत शब्द हरी और आयन से मिलकर बना है , जिसमे हरी शब्द भगवान विष्णु का सूचक है और आयन का अर्थ होता है घर , इस प्रकार से हरियाणा भगवान के घर से लिया गया है यहीं पर महाभारत का महान युद्ध लड़ा गया था , जिसमे विष्णु अवतार भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश कुरुक्षेत्र की भूमि पर दिया था | हालाँकि कुछ विद्वान जैसे मुनि लाल ,मुरली चंद शर्मा ,HA फडके ,सुखदेव सिंह आदि का मानना है कि हरी शब्द यहाँ कि हरियाली का प्रतीक है और आयन का अर्थ होता है जंगल जो कि हरियाणा के नाम को सार्थक करता है.

प्राचीन इतिहास

सिंधु घाटी जितनी पुरानी कई सभ्यताओं के अवशेष सरस्वती नदी के किनारे पाए गए हैं। जिनमे नौरंगाबाद और मिट्टाथल भिवानी में, कुणाल, फतेहाबाद मे, अग्रोहा और राखीगढी़ हिसार में, रूखी रोहतक में और बनवाली Fatehabad जिले में प्रमुख है। प्राचीन वैदिक सभ्यता भी सरस्वती नदी के तट के आस पास फली फूली। ऋग्वेद के मंत्रों की रचना भी यहीं हुई है।

ग्रंथों में वर्णन

कुछ प्राचीन हिंदू ग्रंथों के अनुसार, कुरुक्षेत्र की सीमायें, मोटे तौर पर हरियाणा राज्य की सीमायें हैं। तैत्रीय अरण्यक ५.१.१ के अनुसार, कुरुक्षेत्र क्षेत्र, तुर्घना (श्रुघना / सुघ सरहिन्द, पंजाब में) के दक्षिण में, खांडव (दिल्ली और मेवात क्षेत्र) के उत्तर में, मारू (रेगिस्तान) के पूर्व में और पारिन के पश्चिम में है। भारत के महाकाव्य महाभारतमे हरियाणा का उल्लेख बहुधान्यकऔर बहुधनके रूप में किया गया है। महाभारत में वर्णित हरियाणा के कुछ स्थान आज के आधुनिक शहरों जैसे, प्रिथुदक (पेहोवा), तिलप्रस्थ (तिल्पुट), पानप्रस्थ (पानीपत) और सोनप्रस्थ (सोनीपत) में विकसित हो गये हैं। गुड़गाँव का अर्थ गुरु के ग्राम यानि गुरु द्रोणाचार्य के गाँव से है। कौरवों और पांडवों के बीच हुआ महाभारत का प्रसिद्ध युद्ध कुरुक्षेत्र नगर के निकट हुआ था। कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश यहीं पर दिया था। इसके बाद अठारह दिन तक हस्तिनापुर के सिंहासन का अधिकारी तय करने के लिये कुरुक्षेत्र के मैदानी इलाकों में पूरे भारत से आयी सेनाओं के मध्य भीषण संघर्ष हुआ। जनश्रुति के अनुसार महाराजा अग्रसेन् ने अग्रोहा जो आज के हिसार के निकट स्थित है, में एक व्यापारियों के समृद्ध नगर की स्थापना की थी। किवंदती है कि जो भी व्यक्ति यहाँ बसना चाहता था उसे एक ईंट और रुपया शहर के सभी एक लाख नागरिकों द्वारा दिया जाता था, इससे उस व्यक्ति के पास घर बनाने के लिये पर्याप्त ईंटें और व्यापार शुरू करने के लिए पर्याप्त धन होता था।

मघ्यकालीन इतिहास

हूण के शासन के पश्चात हर्षवर्धन द्वारा 7वीं शताब्दी में स्थापित राज्य की राजधानी कुरुक्षेत्र के पास थानेसर में बसायी। उसकी मौत के बाद गुर्जर प्रतिहार ने वहां शासन करना आरंभ कर दिया और अपनी राजधानी कन्नौज बना ली। यह स्थान दिल्ली के शासक के लिये महत्वपूर्ण था। पृथ्वीराज चौहान ने १२वीं शताब्दी में अपना किला हाँसी और तरावड़ी (पुराना नाम तराईन) में स्थापित कर लिया।मुहम्मद गौरी ने दुसरी तराईन युध में इस पर कब्जा कर लिया। उसके पश्चात दिल्ली सल्तनत ने कई सदी तक यहाँ शासन किया।

विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा दिल्ली पर अधिकार के लिए अधिकतर युद्ध हरियाणा की धरती पर ही लड़े गए। तरावड़ी के युद्ध के अतिरिक्त पानीपत के मैदान में भी तीन युद्ध एसे लड़े गए जिन्होंने भारत के इतिहास की दिशा ही बदल दी। ब्रिटिश राज से मुक्ति पाने के आन्दोलनों में हरियाणा वासियों ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। रेवाड़ी के राजा राव तुला राम का नाम १८५७ के संग्राम में योगदान दिया।



राज्य स्थापना

एक राज्य के रूप में हरियाणा १ नवंबर १९६६ को पंजाब पुनर्गठन अधिनियम (१९६६) के माध्यम से अस्तित्व में आया था। भारत सरकार ने २३ अप्रैल १९६६ को पंजाब के तत्कालीन राज्य को निवासियों द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं के आधार पर विभाजित करने के विचार के बाद हरियाणा के नए राज्य की सीमा निर्धारित करने के लिए न्यायमूर्ति जेसी शाह की अध्यक्षता में शाह आयोग की स्थापना की। आयोग ने ३१ मई १९६६ को अपनी रिपोर्ट दे दी, जिससे हिसार, महेंद्रगढ़, गुड़गांव, रोहतक और करनाल के तत्कालीन जिलों हरियाणा के नए राज्य का हिस्सा बन गए। इसके अलावा, संगरूर जिले की जिंद और नरवाना तहसील, और साथ साथ ही नारायणगढ़, अंबाला और जगधरी को भी इसमें शामिल किया जाना था।

आयोग ने यह भी सिफारिश की थी कि खारद तहसील, जिसमें पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ शामिल थी, को हरियाणा का हिस्सा होना चाहिए। हालांकि, हरियाणा को खड़द का केवल एक छोटा सा हिस्सा दिया गया था। चंडीगढ़ शहर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था, जो कालांतर में पंजाब और हरियाणा दोनों की राजधानी बना।




हरियाणा उत्तर भारत का एक राज्य है जिसकी राजधानी चण्डीगढ़ है। इसकी सीमायें उत्तर में पंजाब और हिमाचल प्रदेश, दक्षिण एवं पश्चिम में राजस्थान से जुड़ी हुई हैं। यमुना नदी इसके उत्तर प्रदेश राज्य के साथ पूर्वी सीमा को परिभाषित करती है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली हरियाणा से तीन ओर से घिरी हुई है और फलस्वरूप हरियाणा का दक्षिणी क्षेत्र नियोजित विकास के उद्देश्य से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल है।




यह राज्य वैदिक सभ्यता और सिंधु घाटी सभ्यता का मुख्य निवास स्थान है। इस क्षेत्र में विभिन्न निर्णायक लड़ाइयाँ भी हुई हैं जिसमें भारत का अधिकत्तर इतिहास समाहित है। इसमें महाभारत का महाकाव्य युद्ध भी शामिल है। हिन्दू मतों के अनुसार महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में हुआ (इसमें भगवान कृष्ण ने भागवत गीता का वादन किया)। इसके अलावा यहाँ तीन पानीपत की लड़ाइयाँ हुई। ब्रितानी भारत में हरियाणा पंजाब राज्य का अंग था जिसे १९६६ में भारत के १७वें राज्य के रूप में पहचान मिली। वर्तमान में खाद्यान और दुग्ध उत्पादन में हरियाणा देश में प्रमुख राज्य है। इस राज्य के निवासियों का प्रमुख व्यवसाय कृषि है। समतल कृषि भूमि निमज्जक कुओं (समर्सिबल पंप) और नहर से सिंचित की जाती है। १९६० के दशक की हरित क्रान्ति में हरियाणा का भारी योगदान रहा जिससे देश खाद्यान सम्पन्न हुआ।






हरियाणा, भारत के अमीर राज्यों में से एक है और प्रति व्यक्ति आय के आधार पर यह देश का दूसरा सबसे धनी राज्य है। वर्ष २०१२-१३ में देश में इसकी प्रति-व्यक्ति  १,१९,१५८ (अर्थव्यवस्था के आकार के आधार पर भारत के राज्य देखें) और वर्ष २०१३-१४ में  १,३२,०८९ रही। इसके अतिरिक्त भारत में सबसे अधिक ग्रामीण करोड़पति भी इसी राज्य में हैं। हरियाणा आर्थिक रूप से दक्षिण एशिया का सबसे विकसित क्षेत्र है और यहाँ कृषि एवं विनिर्माण उद्योग ने १९७० के दशक से निरंतर वृद्धि का प्राप्त की है। भारत में हरियाणा यात्रि कारों, द्विचक्र वाहनों और ट्रैक्टरों के निर्माण में सर्वोपरी राज्य है। भारत में प्रति व्यक्ति निवेश के आधार पर वर्ष २००० से राज्य सर्वोपरी स्थान पर रहा है।




भारत के मानचित्र पर हरियाणा

राजधानीचण्डीगढ़
सबसे बड़ा शहरफरीदाबाद
जनसंख्या2,53,51,462
 - घनत्व573 /किमी²
क्षेत्रफल44,212 किमी² 
 - ज़िले22
राजभाषाहिन्दी, [हरियाणवी] पंजाबी[1]
गठन1 नवम्बर 1966
सरकारहरियाणा सरकार
 - राज्यपालसत्यदेव नारायण आर्य
 - मुख्यमंत्रीमनोहर लाल खट्टर (भाजपा)
 - विधानमण्डलएकसदनीय
विधान सभा (90 सीटें)
 - भारतीय संसदराज्य सभा (5 सीटें)
लोक सभा (10 सीटें)
 - उच्च न्यायालयपंजाब और हरियाणा
उच्च न्यायालय
डाक सूचक संख्या12 और 13
वाहन अक्षरHR
आइएसओ 3166-2IN-HR




भूगोल 

धोसी पहाड़ी।
अरावली पर्वतमाला का विस्तार राज्य के दक्षिणी हिस्से में है।

हरियाणा उत्तर भारत में स्थित एक स्थलरुद्ध राज्य है। इसका विस्तार २७°३९' उत्तर से ३०°५५' उत्तर तक के अक्षांशों तक, और ७४°२८' पूर्व से ७७°३६' पूर्व तक के देशान्तरों तक है। राज्य की सीमायें उत्तर में पंजाब और हिमाचल प्रदेश, तथा दक्षिण एवं पश्चिम में राजस्थान से जुड़ी हुई हैं। उत्तर प्रदेश राज्य के साथ इसकी पूर्वी सीमा को यमुना नदी परिभाषित करती है। हरियाणा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली को भी तीन ओर से घेरता है। राज्य का क्षेत्रफल ४४,२१२ वर्ग किलोमीटर है, जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का १.४ प्रतिशत है, और इस प्रकार क्षेत्रफल के आधार पर यह भारत का इक्कीसवाँ सबसे बड़ा राज्य है। समुद्र तल से हरियाणा की ऊंचाई ७०० से ३६०० फीट (२०० मीटर से १२०० मीटर) तक है।






वन्य जीवन:-

राज्य में राज्य में वन कवर ३.५९% (१,५८६ वर्ग किमी) था, और राज्य में वृक्षारोपण २.९०% (१,२८२ वर्ग किमी) था, जिसमें कुल वन और वृक्ष ६.४९% का कवर था। २०१६-१७ में, १४.१ मिलियन पौधे लगाकर १८,४१२ हेक्टेयर क्षेत्र को वन क्षेत्र के अंतर्गत लाया गया था। पूरे राज्य में कांटेदार, शुष्क, पर्णपाती वन और कांटेदार झाड़ियों को पाया जा सकता है। मानसून के दौरान, घास का एक कालीन पहाड़ियों को ढक लेता है। शहतूत, नीलगिरी, पाइन, किकर, शिशम और बाबुल यहां पाए जाने वाले कुछ पेड़ हैं। हरियाणा राज्य में पाए जाने वाले जीवों की प्रजातियों में काला हिरण, नीलगाय, पैंथर, लोमड़ी, नेवला, सियार और जंगली कुत्ता शामिल हैं। यहां पक्षियों की ४५० से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं।



भूतत्व

भौगोलिक तौर पर हरियाणा को चार भागों में बांटा जा सकता है: राज्य के उत्तरी हिस्से में स्थित यमुना-घग्गर के मैदान, सुदूर उत्तर में शिवालिक पहाड़ियों की एक पट्टी, दक्षिण-पश्चिम में बांगर क्षेत्र तथा दक्षिणी हिस्से में अरावली पर्वतमालाओं के अंतिमांश, जिनका क्षैतिज विस्तार राजस्थान से दिल्ली तक है। राज्य की मिट्टी आमतौर पर गहरी और उपजाऊ है। हालांकि, पूर्वोत्तर के पहाड़ी और दक्षिण-पश्चिम के रेतीले इलाके इसके अपवाद हैं। राज्य की अधिकांश भूमि कृषि योग्य है, लेकिन यहाँ अत्यधिक सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है।

यमुना राज्य की एकमात्र चिरस्थायी नदी है, जो इसकी पूर्वी सीमा पर बहती है। उत्तरी हरियाणा में उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर बहने वाली कई बरसाती नदियां हैं, जो हिमालय की शिवालिक पहाड़ियों से निकलती हैं। इनमें घग्गर-हकराचौटांगटागंरीकौशल्यामारकंडासरस्वती और सोम इत्यादि प्रमुख हैं। इसी तरह दक्षिणी हरियाणा में भी अरावली पहाड़ियों से निकलने वाली कई नदियां दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पश्चिम की ओर बहती हैं। इन नदियों में साहिबीदोहानकृष्णावती और इंदौरी शामिल हैं। माना जाता है कि ये सभी किसी समय सरस्वती नदी की सहायक नदियां थीं। इन नदियों पर राज्य भर में कई बाँध बने हैं, जिनमें यमुना नदी पर बने हथिनीकुंड तथा ताजेवाला बैराज, पंचकुला ज़िले में स्थित कौशल्या बाँधयमुनानगर ज़िले में स्थित पथराला बैराज तथा सिरसा ज़िले में स्थित ओटू बैराज मुख्य हैं।

हरियाणा की प्रमुख झीलों में गुरुग्राम का बसई वेटलैंड, फरीदाबाद की बड़खल झील और प्राचीन सूरजकुण्डकुरुक्षेत्र के सन्निहित और ब्रह्म सरोवरहिसार की ब्लू बर्ड झील, सोहना की दमदामा झील, यमुनानगर जिले का हथनी कुंड, करनाल की कर्ण झील, और रोहतक की तिल्यार झील इत्यादि प्रमुख हैं। सिंचाई के लिए जल की व्यवस्था हेतु राज्य भर में नहरों का जाल बिछा है, जिनमें पश्चिमी यमुना नहर, इंदिरा गांधी नहर और प्रस्तावित सतलज यमुना लिंक नहर मुख्य हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले लगभग १४,००० जोहड़ों और ६० झीलों का प्रबंधन हरियाणा राज्य वाटरबॉडी प्रबंधन बोर्ड हरियाणा के जिम्मे है। राज्य का एकमात्र गरम चश्मा सोहना में स्थित है।


जलवायु

हरियाणा की जलवायु साल भर में गांगेय मैदानों के समान रहती है, यहाँ का मौसम गर्मियों में बहुत गर्म, जबकि सर्दियों में मध्यम ठंडा रहता है। सबसे गर्म महीने मई और जून होते हैं, जब तापमान ४५ डिग्री सेल्सियस (११३ डिग्री फारेनहाइट) तक चला जाता है,नारनौल व हिसार गर्मी में सबसे गर्म तथा सर्दी में सबसे ठंडे शहर और सबसे ठंडे महीने दिसंबर और जनवरी रहते है। कोप्पेन वर्गीकरण के अनुसार राज्य में तीन मौसम क्षेत्र पाए जाते हैं: राज्य के पश्चिमी तथा मध्य हिस्सों की जलवायु अर्द्ध शुष्क है, उत्तरी तथा पूर्वी क्षेत्रों की गर्म भूमध्यसागरीय, जबकि दक्षिणी क्षेत्रों की जलवायु मरुस्थलीय है।

करनालकुरुक्षेत्र और अंबाला जिलों के कुछ हिस्सों को छोड़कर पूरे राज्य में वर्षा कम और अनियमित है। वर्ष भर में अधिकतम वर्षा २१६ सेमी, जबकि न्यूनतम वर्षा २५ से ३८ सेमी तक रिकॉर्ड की जाती है। जुलाई से सितंबर के महीनों के दौरान लगभग ८० प्रतिशत बारिश होती है, और शेष वर्षा दिसंबर से फरवरी की अवधि के दौरान प्राप्त होती है।


मण्डल तथा जिले

हरियाणा के जिले (२०११)

प्रशासनिक आधार पर हरियाणा को २२ जिलों में विभाजित किया गया है, जो ६ मण्डलों में समूहबद्ध हैं। इन २२ जिलों में ७२ सब-डिवीजन, ९३ तहसील, ५० उप-तहसील, १४० सामुदायिक विकास खंड, १५४ नगर तथा कस्बे, ६,२१२ ग्राम पंचायत और ६,८४१ गांव हैं।

१ नवंबर १९६६ को जब तत्कालीन पूर्वी पंजाब के विभाजन द्वारा हरियाणा राज्य की स्थापना हुई थी, तब राज्य में ७ जिले थे; रोहतकजींदहिसारमहेंद्रगढ़गुडगाँवकरनाल तथा अम्बाला। २०१७ तक इन जिलों के पुनर्गठन के माध्यम से १४ नए जिले जोड़े जा चुके हैं।

हरियाणा के मण्डल तथा जिले
मण्डलजिले
अम्बालाअम्बालाकुरुक्षेत्रपंचकुलायमुनानगर
फरीदाबादफरीदाबादपलवलमेवात
गुरुग्रामगुरुग्राममहेंद्रगढ़रेवाड़ी
हिसारफतेहाबादजींदहिसारसिरसा
रोहतकझज्जरदादरीरोहतकसोनीपत, [[भिवानी जिला|भिवानी] [चरखा दादरी]
करनालकरनालपानीपतकैथल

नगर तथा कस्बे

हरियाणा में कुल १५४ नगर तथा कस्बे हैं। २०११ की जनगणना के अनुसार राज्य में १ लाख से अधिक जनसंख्या वाले १८ नगर हैं: फरीदाबादगुरुग्रामपानीपतअम्बालायमुनानगररोहतकहिसारकरनालसोनीपतपंचकुलाभिवानीसिरसाबहादुरगढ़जींदथानेसरकैथलरेवाड़ी और पलवल

चण्डीगढ़, जो भारत का एक केन्द्र शासित प्रदेश है, हरियाणा की राजधानी है। १ नवंबर१९६६ को जब पंजाब के हिन्दी-भाषी पूर्वी भाग को काटकर हरियाणा राज्य का गठन किया गया, तो चंडीगढ़ शहर के दोनों के बीच सीमा पर स्थित होने के कारण इसी दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी के रूप में घोषित किया गया और साथ ही संघ शासित क्षेत्र भी घोषित किया गया था। अगस्त १९८५ में तत्कालीन प्रधान मंत्री राजीव गांधी और अकाली दल के संत हरचंद सिंह लोंगोवाल के बीच हुए समझौते के अनुसार, चंडीगढ़ को १९८६ में पंजाब में स्थानांतरित होना तय हुआ था। इसके साथ ही हरियाणा के लिए एक नयी राजधानी का सृजन भी होना था, किन्तु कुछ प्रशासनिक कारणों के चलते इस स्थानांतरण में विलंब हुआ। इस विलंब के मुख्य कारणों में दक्षिणी पंजाब के कुछ हिन्दी-भाषी गाँवों को हरियाणा और पश्चिम हरियाणा के पंजाबी-भाषी गाँवों को पंजाब को देने का विवाद था।



कृषि




हरियाणा परंपरागत रूप से एक कृषि समाज रहा है। १९६० के दशक में हरियाणा में हरित क्रांति के आगमन, और फिर १९६३ में भाखड़ा बांध और १९७० के दशक में पश्चिमी यमुना कमांड नेटवर्क नहर प्रणाली के पूरा होने के परिणामस्वरूप हरियाणा में खाद्य अनाज उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। २०१५-२०१६ में, हरियाणा में १,३३,५२,००० टन गेहूं, ४१,४५,००० टन चावल, ७१,६९,००० टन गन्ना, ९,९३,००० टन कपास और ८,५५,००० टन तिलहन (सरसों का बीज, सूरजमुखी, आदि) का उत्पादन हुआ। हरियाणा दुग्ध के लिए भी जाना जाता है। राज्य में मवेशियों की कई नस्लें पाई जाती हैं, जिनमें मुर्रा भैंस, हरियाणवी, मेवाती, साहिवाल और नीलि-रवि इत्यादि प्रमुख हैं।

कृषि आधारित हरियाणा की अर्थव्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए, केंद्रीय सरकार (केंद्रीय अनुसंधान संस्थान, बफेलो, केंद्रीय भेड़ प्रजनन फार्म, इक्विनेस पर राष्ट्रीय शोध केंद्र, मत्स्य पालन संस्थान, राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, भारतीय संस्थान गेहूं और जौ अनुसंधान और राष्ट्रीय ब्यूरो ऑफ एनिमल आनुवांशिक संसाधन) और राज्य सरकार (सीसीएस एचएयू, लुवास, सरकारी पशुधन फार्म, क्षेत्रीय चारा स्टेशन और उत्तरी क्षेत्र कृषि मशीनरी प्रशिक्षण और परीक्षण संस्थान) ने कृषि क्षेत्र में अनुसंधान और शिक्षा के लिए कई संस्थान राज्य में खोले हैं।


        NO. 1 HARIYANA


किसी प्रकार की शब्द  त्रुटि या सुधाार  के लिए तथा अन्य जानकारी के लिए कमेंट करेें।  धन्यवाद

Comments

Post a Comment